Dec. 17, 2021

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न -4

प्रश्नः अकबर इस्लाम एवं हिंदू मॉडल के बीच संगम बिंदु को प्रतिविम्बित करता है। इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तरःउत्तर भारत में तुर्की शासन की स्थापना के साथ ही इस्लाम एवं हिन्दू मॉडल के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। निर्गुण भक्त एवं सूफियों ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया था। आगे अकबर महान ने निर्गुण एवं सूफी संतों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दोनों मॉडल के बीच सेतु का काम किया। 

            समन्वित संस्कृति के विकास को प्रोत्साहन देकर ही दो भिन्न मॉडल के बीच की दूरी पाटी जा सकती थी। अकबर ने इस दिशा में सराहनीय प्रयास किए। समन्वित संस्कृति का एक पहलू था धर्म ।

 अकबर ने भारत में मुस्लिम शासन के अंतर्गत धार्मिक सद्भावना की नीति की एक मिशाल कायम की। उसने तीर्थयात्रा कर एवं जजिया कर जैसे विभेदकारी करों को समाप्त कर हिंदू प्रजा के ‘दोयम दर्जे’ को समाप्त कर दिया। फिर उसने दीन-ए-इलाही के माध्यम से धार्मिक विभाजन का अंत करने का प्रयास किया। सबसे बढ़कर अकबर के द्वारा धार्मिक उदारता की नीति तब अपनायी गई थी जब मध्य एशिया तथा पश्चिम एशिया में ही नहीं अपितु तथाकथित सभ्य बनाने का दावा करने वाले यूरोप में भी धर्म के नाम पर रक्त बहाया जा रहा था।

            उसी प्रकार साहित्य, कला तथा शासन सभी क्षेत्रो  में उसने समन्वय एवं सद्भाव की नीति को बल प्रदान किया। उसने एक अनुवाद विभाग का गठन कर महत्वपूर्ण संस्कृत ग्रंथों का फारसी में अनुवाद कराया। उसने फारसी भाषा के साथ-साथ भारतीय भाषाओं को भी संरक्षण दिया।

 स्थापत्य कला के क्षेत्र में भी उसने मुख्यतः भारत में प्रचलित ‘शहतीरी शैली’ का प्रयोग किया तथा केवल सजावट के लिए इस्लाम से संबद्ध मेहराबी शैली को अपनाया। 

कला के अतिरिक्त शासन में समन्वय की नीति का उदाहरण है राजपूत कुलीनों को मनसबदारी व्यवस्था में शामिल करना। इसके परिणामस्वरूप एक संयुक्त अमीर वर्ग का निर्माण संभव हो सका। समन्वय एवं सद्भाव की नीति अकबर ने मुगल हरम में भी जारी रखी तथा राजपूत बेगम को धार्मिक स्वतंत्रता कायम कर उसने हिंदू कुलीनों के साथ एक नये संबंध की नींव रखी।

            उपर्युक्त कारणों से ही अकबर महान स्वयं भारत के समन्वित संस्कृति का धरोहर बन चुका है 

और उसका मकबरा धर्मनिरपेक्षता की नीति से प्रेरित भारतीयों के तीर्थस्थल के रूप में ढल चुका है।