Jan. 2, 2022

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न -17

प्रश्नः अशोक के अभिलेखों के आधार पर मौर्य साम्राज्य के अंतर्गत प्रशासनिक केंद्रीयकरण को अनुरेखित कीजिए।

उत्तरः मौर्यों के अधीन एक विशाल साम्राज्य की स्थापना के माध्यम से जम्बूद्वीप की अवधारणा को मूर्त रूप दिया गया था। यह साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े भाग में फैला हुआ था। आरंभ में मौर्य साम्राज्य को एक अतिकेंद्रीयकृत रूप में चित्रित किया गया था किंतु नवीन शोधों के आधार पर यह स्थापित किया गया है कि साम्राज्य के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रो पर केंद्रीय सरकार का विभेदकारी नियंत्रण था। फिर इस तथ्य की पुष्टि अशोक के स्तम्भ अभिलेख तथा शिलालेखों की अवस्थिति के आधार पर भी की जा सकती है।  

अशोक के स्तम्भ अभिलेख मौर्यकाल के अधीन राजकीय सत्ता के प्रतीक हैं। ये एकाश्म पत्थर से निर्मित हैं तथा इन पर पशुओं की बड़ी भव्य आकृतियाँ खुदी हुई हैं। अगर हम अमरावती को अपवाद में रखते हैं तो अशोक के स्तम्भ अभिलेख गंगा-यमुना दोआब तथा आस-पास के क्षेत्रो में ही मिले हैं, उदाहरण के लिए सात स्तम्भ अभिलेख टोपरा, मेरठ, प्रयाग, लौरिया अरेराज, लौरिया नंदनगढ़, रामपुरवा से मिले हैं। उसी प्रकार लघु स्तम्भ अभिलेख सारनाथ, रूम्मिनदेई, निगालीसागर, कौशाम्बी (प्रयाग), पाटलीपुत्र आदि क्षेत्रो में मिले हैं। निश्चय ही मौर्यों का यह केंद्रीय क्षेत्र था तथा इन क्षेत्रें में केंद्र का नियंत्रण अधिक मजबूत रहा होगा।

इनसे अलग वे क्षेत्र हैं जहाँ से 14 वृहद शिलालेख एवं लघु शिलालेख मिले हैं। ये क्षेत्र वे क्षेत्र थे जहाँ मौर्यों से पहले या तो राज्य निर्माण हो चुका था या फिर मौर्यों के संपर्क से राज्य निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो गई थी उदाहरण के लिए वर्तमान उतराखंड में कल्सी, पंजाब में शहबाजगढ़ी और मनसेहरा, गुजरात में गिरनार, महाराष्ट्र में सोपारा, कर्नाटक में सन्नाती तथा आंध्रप्रदेश में एर्रगुड्डी तथा उड़ीसा में धौली एवं जोगड़ से 14 वृहद शिलालेख मिले हैं। मध्यप्रदेश में रूपनाथ, सांची तथा दक्षिण भारत में मास्की, ब्र“मगिरी, सिद्धपूर, उदयगोलम, निट्ठुर आदि क्षेत्रो से लघु शिलालेख मिले हैं। ये इन क्षेत्रें पर मौर्यों के नियंत्रण को दर्शाता है किंतु यह नियंत्रण केंद्रीय क्षेत्र की तुलना में ढीला था। इसके अतिरिक्त ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ मौर्यों का कोई अभिलेख नहीं मिला है किंतु वह मौर्य साम्राज्य के अंतर्गत हैं, उदाहरण के लिए पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र जहां से मौर्यों को वनोउत्पाद, हाथी आदि सामग्रियां प्राप्त होती थीं। इन क्षेत्रो  पर मौर्यों का अप्रत्यक्ष नियंत्रण था।

इस तरह अशोक के द्वारा स्थापित स्तम्भ लेख एवं शिलालेख मौर्यों के अंतर्गत प्रशासनिक नियंत्रण के स्वरूप को स्पष्ट कर देते हैं। इनके आधार पर यह ज्ञात हो जाता है कि मौर्यों के अंतर्गत किसी एक रूप प्रशासनिक संरचना को स्थापित नहीं किया गया था।