मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न -40
प्रश्न - ब्रिटिश औद्योगिक पूंजीवाद ने भारत को राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक संरचना पर किस प्रकार का प्रभाव डाला। स्पष्ट करें।
उत्तरः भारत संबंधी ब्रिटिश नीति सदा ब्रिटिश औपनिवेशिक हित से परिचालित होती रही। औद्योगिक पूंजीवाद के काल में ब्रिटिश नीति का बल भारत को कच्चे माल के आयातक एवं कच्चे माल के निर्यातक के रूप में तब्दील करने पर रहा था। ब्रिटिश की उपर्युक्त नीति ने भारत की राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक संरचना पर गहरा प्रभाव डाला।
अगर भारत को ब्रिटिश वस्तुओं के बाजार के रूप में विकसित किया जाना था तो आवश्यक था कि अधिक-से-अधिक भारतीय राज्य को प्रत्यक्ष नियंत्रण में लिया जाए। अतः इस काल में कंपनी ने साम्राज्यवादी प्रसार पर बल दिया तथा 1813 (लार्ड हेस्टिंग्स) एवं 1856 (लार्ड डलहौजी) के बीच भारत में जो भी गवर्नर जनरल आए, उन्होंने अनियंत्रित विस्तार पर बल दिया।
फिर, औद्योगिक पूंजीवाद ने भारतीय अर्थव्यवस्था की पूरी संरचना को परिवर्तित कर दिया। ब्रिटिश औद्योगिकरण की जरूरत ने भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को निचोड़ दिया। भारत में व्यावसायिक खेती को प्रोत्साहन देने का उद्देश्य था ब्रिटिश उद्योगों के लिए कच्चे माल सुनिश्चित करना। इसके अतिरिक्त, ब्रिटिश मुक्त व्यापार की नीति ने भारतीय उद्योगों को धक्का पहुंचाया।
ब्रिटिश औद्योगिक पूंजीवाद के कुप्रभाव से भारत का सामाजिक क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा। भारत में कंपनी की सरकार ने समाज सुधार के लिए विधि निर्माण पर बल दिया ताकि भारत परंपरागत ढांचे से निकलकर अंग्रेजी शिक्षा को स्वीकार कर सके। तत्पश्चात् अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त युवाओं का एक वर्ग पैदा हो सका तथा इस वर्ग ने ब्रिटिश वस्तुओं के बाजार का काम किया।
इस प्रकार हम देखते हैं कि ब्रिटिश औद्योगिकरण ने भारत की राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक संरचना को अपने ढंग से प्रभावित किया।