Jan. 25, 2022

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न-37

प्रश्नः ब्रिटिश शासन का सबसे अधिक दुष्परिणाम ग्रामीण भारत को झेलना पड़ा। इस कथन के प्रकाश में 19वीं सदी में होने वाले कृषक आंदोलन पर टिप्पणी  कीजिए।

उत्तरः भारत पर ब्रिटिश शासन के नियंत्रण का अर्थ है भारत के गांवों पर नियंत्रण। वस्तुतः ग्रामीण भारत ही औपनिवेशिक  सरकार के लिए संसाधन प्राप्त करने का सबसे बड़ा स्रोत था। दूसरे शब्दों में  भूराजस्व, कच्चे माल, खाद्यान्न सभी के स्रोत ग्रामीण भारत में ही  थे। इन स्त्रोतों के बदले में, किसानों को भूमि नीलामी, अकाल एवं भुखमरी, ग्रामीण ऋणग्रस्तता आदि समस्याएँ झेलनी पड़ती। अतः प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी।

19वीं सदी में होने वाले अनेक किसान आंदोलन इसके प्रमाण हैं यथा, बंगाल में फराजी आन्दोलन, नील आन्दोलन, पबना आन्दोलन, मालाबार तट पर मोपला विद्रोह, दक्कन के दंगें आदि। 

फराजी आन्दोलन जमींदारी शोषण के विरूद्ध प्रतिक्रिया थी। नील आन्दोलन आधुनिक प्रकार का प्रथम किसान आन्दोलन था जो थोपी गई नील की खेती के विरोध में था। पाबना  आन्दोलन भूराजस्व की व्यापक वृद्धि के विरोध का परिणाम था वहीं दक्कन के दंगे किसानों पर पड़ने वाले बाजार के दबाव एवं भूराजस्व के अधिकतम अधिभार का मिला-जुला परिणाम थे।

इस तरह ब्रिटिश शासन का सबसे अधिक दुष्प्रभाव ग्रामीण भारत को झेलना पड़ा तथा उसके विरूद्ध आरंभिक प्रतिरोध भी ग्रामीण प्रतिरोध के रूप में ही प्रकट हुआ।