March 15, 2022

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न -77

प्रश्न-  अजन्ता भारतीय संस्कृति की महान धरोहर है। इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तरः अजन्ता भारतीय कला के विकास में एक महत्वपूर्ण विभाजक रेखा बनकर आता है। अजन्ता के काल तक भारत की कई कला शैलियाँ  इतनी प्रौढ हो गई कि इन्होनें न केवल परवर्ती काल की भारतीय कला पर वरन भारत के बाहर भी कला शैलियों  पर अपना प्रभाव छोड़ा।

अजन्ता न केवल चित्रकला बल्कि स्थापत्य एंव मूर्तिकला के क्षेत्र में भी भारत की महान कलात्मक उपलब्धि है। यह दूसरी सदी ईसा पूर्व तथा 7वीं सदी के बीच लगभग एक हजार वर्षो  के विकास के इतिहास को दर्शाता  है। अजन्ता में 30 गुफाओं का अवशेष  मिलता है। इनमें कुछ चैत्य हैं एवं कुछ विहार। पहली बार अजन्ता में चैत्य एवं विहार दोनो साथ-साथ निर्मित दिखाई पड़ते हैं। चैत्य बौद्ध गुफा मंदिर है, गुप्तकालीन गुफा मंदिर चैत्य गुफा मंदिर का उत्कृष्टतम  उदाहरण है।

मूर्तिकला के क्षेत्र में भी अजन्ता का योगदान रहा है। यहां बुद्ध एवं बोधिसत्वों की अनेक मूर्तियां मिलती है जो दर्शाती है कि अजन्ता की मूल उत्प्ररेणा बौद्ध पंथ से मिली थी। गुप्तकालीन मूर्तिकला सारनाथ कला के निकट है।

सबसे बढ़कर चित्रकला के क्षेत्र में अजन्ता विकास की चरम अवस्था को दर्शाता है। अजन्ता के गुफा संख्या -16,17 एवं 19 जो गुप्त काल से सम्बद्ध है, चित्रकला के क्षेत्र में क्लासिकल मानदण्ड को प्रदर्शित  करता है। अजन्ता कला को विभिन्न राजवंशो  का संरक्षण मिला यथा-शुंग वंश  , कुषाण वंश , सातवाहन, गुप्त, चालुक्य आदि। 

फिर भी अजन्ता की कला केवल राजकीय दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति नहीं है। इसके विकास में जनसामान्य की भी अहम भूमिका रही है।  साधुु, सन्यासी, तपस्वी, स्वतंत्र कलाकार सभी ने इसमें अपना योगदान दिया। इसलिए अजन्ता के चित्रों  में विविधता है। इसमें ग्रामीण जीवन से लेकर नगरीय जीवन सभी की अभिव्यक्ति है। भारतीय कला के इतिहास में इसका महत्व इस बात में भी निहित है कि इसने पूर्वी एशिआ  की कला पर भी अपनी छाप छोड़ी।