मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न -2
प्रश्न -2- क्या अशोक की धम्म नीति ने साम्राज्य में सैन्य दुर्बलता को प्रोत्साहन देकर मौर्य साम्राज्य का पतन निश्चित कर दिया ? सोदाहरण मत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-2 अशोक प्राचीन भारतीय इतिहास में एक ऐसा विलक्षण शासक था जिसने न केवल घरेलू नीति में वरन् विदेश नीति में भी एक प्रकार का नवाचार लाया। उसने भेरी घोष को छोड़कर धम्म घोष की नीति अपनाई। इस तथ्य ने अशोक की विदेश नीति के संबंध में एक विवाद को जन्म दिया तथा अशोक की धम्म नीति को साम्राज्य की कमजोरी से जोड़ा जाने लगा। एक दृष्टिकोण के अनुसार उसकी इस शांतिप्रियता की नीति ने मौर्य साम्राज्य के सैन्य आधार को कमजोर कर उसके पतन का मार्ग प्रशस्त कर दिया। एक आलोचक ने तो इतना तक कहा है कि जिस समय भारत को चंद्रगुप्त मौर्य और पोरस जैसे शासक की जरूरत थी उस काल में अशोक का आगमन अच्छा नहीं रहा परंतु इस संबंध में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पूर्व तथ्यों का गहराई से परीक्षण करना आवश्यक है।
अशोक की नीति निम्नलिखित स्थिति में सैन्य दुर्बलता को जन्म दे सकती थी -प्रथम अगर अशोक ने सेना को भंग कर दिया होता और सैन्य विकल्प को छोड़ दिया होता परन्तु अशोक ने न तो सेना को भंग किया और न ही सैन्य विकल्प को छोड़ा बल्कि द्वितीय विकल्प के रूप में उसे हमेशा बनाए रखा। उसका प्रयास बस इतना था कि कम से कम सैन्य शक्ति का प्रयोग कर विदेश नीति का संचालन करना। दूसरे वह प्रत्येक स्थिति में शांति का समर्थक होता और दंड शक्ति को समाप्त कर देता तो फिर यह साम्राज्य पर नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकता था परंतु उसने ऐसा नही किया। उसने न तो मृत्युदंड को समाप्त किया और न ही कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बल प्रयोग के विकल्प को छोड़ा। आटविक राज्य के लोगो को अशोक के द्वारा दी गई चेतावनी इस बात को स्पष्ट करती है।
उपर्युक्त बातों से पृथक केवल इतना कहा जा सकता है कि उसके द्वारा धम्म नीति पर अत्यधिक बल दिया गया इसके कारण साम्राज्य की प्राथमिकता बदल गई होगी और इससे सैन्य मनोवृति में थोड़ा अन्तर आया होगा
फिर भी इसे सीधे तौर पर सैन्य दुर्बलता एवम् साम्राज्य के विघटन से जोड़ना उचित नही है। इसलिए पतन का कारण कहीं ओर खोजने की जरूरत है।