जीएम सरसों DMH-11
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में आनुवंशिक रूप से संशोधित फसल “GM सरसों” को, जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC) द्वारा दी गयी पर्यावरण और व्यावसायिक खेती की मंजूरी दी गयी जिसके उपयोग के खिलाफ कार्यकर्त्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है।
GEAC, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत संस्था है।
जीएम सरसों (मस्टर्ड) क्या है?
- दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर जेनेटिक मैनीपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स (CGMCP) के वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड सरसों DMH-11 को विकसित किया है।
- यह हर्बिसाइड टॉलरेंट (HT) सरसों का आनुवंशिक रूप से संशोधित संस्करण है। इसमें दो एलियन जीन ('बार्नेज' और 'बारस्टार') शामिल हैं, जो बैसिलस एमाइलोलिक्विफेन्स नामक मृदा के जीवाणु से अलग किए गए हैं। ये जीन अधिक उपज वाली व्यावसायिक हाइब्रिड सरसों के प्रजनन को सक्षम बनाने में सहायक है।
- जीएम-सरसों को केंद्र सरकार ने 2017 में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली में परीक्षणों के बाद मंजूरी दी थी , परन्तु इसका पर्यावरण मंत्रालय से अनुमोदन लंबित था।
GM- सरसों को अपनाने के पक्ष में तर्क
- BT-कॉटन को अपनाने से भारत, कपास-निर्यातक देश के रूप में परिवर्तित हो गया था। उसी प्रकार GM-सरसों भी देश के निर्यात में लाभदायक सिद्ध होगी।
- कच्चे तेल एवं सोने के बाद खाद्य तेल, भारत की तीसरी सबसे बड़ी आयातक वस्तु है। यदि किसान एक टन तेल का उत्पादन करता है, तो उसका उप-उत्पाद, पशुओं के लिए प्रोटीन युक्त चारे के रूप में उपयोगी हो सकता है जो हमें खाद्य तेल के आयात में नहीं मिलता है।
- सरसों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा जो किसानों की आय बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
- किसानों द्वारा कीटनाशकों और शाकनाशियों के उपयोग में कमी आयेगी, जो पर्यावरण हितैषी होगी।
विरोध में तर्क
- किसानों के अनुसार, आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सरसों की खेती की अनुमति देने से देश में निजी बीज निर्माताओं के प्रभुत्व को बढ़ावा मिलेगा।
- जीएम-सरसों सहित जीएम हाइब्रिड फसलों के अधिक उपज वाले बीज वैज्ञानिक रूप से एक धोखा है जिसे किसानों के हितों के विषय में विचार किए बिना भारतीय बीज बाजार पर एकाधिकार करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।
- जीएम बीजों का पारंपरिक बीजों पर बुरा प्रभाव देखा जा सकता है क्योंकि 2002 में GM-BT कपास के कारण मौजूदा 90% पारंपरिक बीज विलुप्ति की ओर मुड़ गए जिस कारण किसानों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जीएम बीटी-कपास खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा।
- जीएम सरसों का संपूर्ण जैव सुरक्षा मूल्यांकन अवैज्ञानिक रहा है और इसमें किसी भी दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया गया है।
- यह फसल विविधता, खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है।
- लोगों के स्वास्थ्य,पर्यावरण, मृदा, भूजल या खाद्य श्रृंखला पर इसका प्रभाव अभी तक ज्ञात नहीं है।
- इसका बीज भंडारण, आण्विक स्तर पर प्रदूषण को बढ़ा सकता है।
बीटी बैंगन: बीटी बैंगन में एक ऐसा जीन होता है जो पौधे को फल और तना छेदक कीटों एवं जीवाणुओं के हमलों का प्रतिरोध करने की अनुमति देता है। गोल्डन राइस: यह एक नए प्रकार का चावल है जिसमें बीटा-कैरोटीन (प्रो-विटामिन A ) होता है। यह शरीर द्वारा आवश्यकतानुसार विटामिन-A में परिवर्तित हो जाता है।यह अनाज को उसका सुनहरा रंग देता है। यह दो नए एंजाइम पैदा करता है जो चावल के दाने में बीटा-कैरोटीन की अभिव्यक्ति को पूरा करते हैं। |
भारत की अन्य GM फसलें
BT-कॉटन
- यह एकमात्र आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसल है जिसे 2002 में भारत सरकार द्वारा व्यावसायिक खेती के लिए अनुमोदित किया गया था।
- इसमें मृदा के जीवाणु बैसिलस थुरिंजएन्सिस(बीटी) के दो विदेशी जीन हैं जो फसल की गुलाबी बॉलवर्म से रक्षा के लिए एक विषाक्त प्रोटीन उत्पन्न करते हैं।
आगे की राह
- अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिकों को अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में काम करने के बजाय पारंपरिक बीजों को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए। बीटी-कॉटन की अनुमति के समय की गयी जल्दबाजी, मस्टर्ड में घातक सिद्ध हो सकती है।
- विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों को जीएम-सरसों DMH -11 को व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराने से पहले व्यापक स्तर पर फील्ड डेमो और परीक्षण करना चाहिए। साथ ही इसके प्रयोग हेतु दिशा-निर्देश भी जारी किये जाने चाहिये।
संभावित प्रश्न
प्र. कीटों के प्रतिरोध के अलावा ऐसी, क्या संभावनाएं हैं जिनके लिए आनुवंशिक रूप से संशोधित पौधों का निर्माण किया गया है? (2012)
- सूखे का सामना करने के लिए
- उपज के पोषक मूल्य में वृद्धि करने के लिए
- अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष स्टेशनों में उन्हें बढ़ने और प्रकाश संश्लेषण करने में सक्षम बनाने के लिए
- उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 1, 2 और 4
- (d) 1, 2, 3 और 4
मुख्य परीक्षा प्रश्न
प्र. भारतीय कृषि से जुड़ी असंख्य चुनौतियों का आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों द्वारा भी सामना किया जा सकता है। हालिया GEAC द्वारा जीएम सरसों के पर्यावरणीय एवं व्यासायिक उपयोग के अनुमोदन पर टिप्पणी कीजिये। (250 शब्द)