Aug. 23, 2023
वस्तु एवं सेवा कर परिषद
वस्तु एवं सेवा कर परिषद
चर्चा में क्यों ?
- वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद द्वारा कैसीनो, घुड़दौड़ और तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेम उद्योग पर लगाए गये GST की 28% दर के मुद्दे पर हुए समझौते में मुहर लगने के बाद इसे दोबारा विचाराधीन रखा गया है।
कारण-
- परिषद द्वारा अंकित मूल्य पर 28% GST लगाने के कदम पर पुनर्विचार का कारण इनसे बुडे उद्योगों का आक्रोश और ई-गेमिंग नीति का संचालन करने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय का दबाव था।
- ऑनलाइन गेमिंग के खिलाड़ियों ने 28% की दर को अरबों डॉलर के निवेश और हजारों नौकरियों के लिए खतरे के साथ-साथ इसे उभरते क्षेत्र के लिए भी खतरा करार दिया और इसे वैश्विक मानदंडों के अनुरूप नहीं माना है जो सकल गेमिंग राजस्व (यानी, उनके प्लेटफ़ॉर्म शुल्क) पर कर लगाते हैं।
प्रभाव
- गेमिंग दांव पर वस्तु एवं सेवा कर परिषद का रीटेक पर्याप्त निश्चितता प्रदान नहीं करता है
- सरकार के द्वारा पहले प्लेटफ़ोर्म फीस पर 18% का GST लगाया जाता था परंतु अब बदलाव करते हुए डिपोजिट फीस पर भी 28% की दर से कर लगा दिया है जिसे सिन टैक्स बोलते हैं।
- सिन टैक्स के कारण सरकार को पुनः ऑनलाइन बुलाई बैठक में कुछ रियायत देनी पड़ी जिसके तहत अगर कोई डर्बी दिवस पर रेस कोर्स में प्रवेश करता है और घोड़े पर ₹1,000 का दांव लगाता है, जो अंत में जीत जाता है, और अगली दौड़ में किसी अन्य घोड़े पर उस इनाम का कुछ हिस्सा दांव लगाता है, तो उसपर पुनः लेवी नही लगेगा।
- सिक्किम और गोवा में कैसीनो टैक्स लगाने की अपील को केंद्र और अधिकांश राज्यों द्वारा नकार दिया गया है
- इसमें लॉटरी के कराधान को भी बहुमत से तय किया गया था। लेकिन परिषद के द्वारा अपने निर्णय के कार्यान्वयन के छह महीने बाद कर की समीक्षा का प्रावधान रखा है।
- इस प्रावधान से गोवा और सिक्किम जैसे छोटे राज्यों की असहमति की आवाज़ को शांत करने का एक प्रयास तो किया गया परंतु यह प्रस्ताव में दृढ़ विश्वास की कमी को दर्शाता है।
- उपयोगकर्ता और उद्योग GST कानूनों में विधायी बदलावों और राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचित किए जाने वाले नियमों के कारण निवेश योजनाएं स्थगित कर रहे हैं।
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