Aug. 26, 2023
लैंगिक रूढ़िवादिता पर हैंडबुक
लैंगिक रूढ़िवादिता पर हैंडबुक
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डी.वाई चंद्रचूड के द्वारा न्यायिक कार्यों में लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने हेतु एक हैंडबुक जारी की गयी।
- उदेश्य-लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने हेतु 30 पेज की हैंडबुक का उद्देश्य न्यायपालिका और कानूनी समुदाय को निर्णयों, आदेशों और अदालती दलीलों में लैंगिक रूढ़िबद्ध भाषा के यांत्रिक अनुप्रयोग से मुक्त करना है।
- कैरियर महिला, गिरी हुई महिला, वफादार या आज्ञाकारी पत्नी, छेड़छाड़, उभयलिंगी: सुप्रीम कोर्ट ने इन वाक्यांशों को, अन्य के अलावा, लैंगिक-अन्यायपूर्ण शब्दों के रूप में पहचाना है जो अक्सर भारतीय अदालतों में सुने जाते हैं।
- जारी की गयी इस नई हैंडबुक में, शीर्ष अदालत ने सही शब्दों की पेशकश की है , जिनका उपयोग लैंगिक-अन्यायपूर्ण शब्दों के बजाय किया जाएगा। जैसे महिला, पत्नी, सड़क पर यौन उत्पीड़न, इंटरसेक्स इत्यादि।
- यह पुस्तिका अधिक न्यायसंगत समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
- अपने प्रस्तावना में, मुख्य न्यायाधीश ने भूले हुए उन तथ्यों को रेखांकित किया कि "न्यायिक निर्णय लेने में पूर्वनिर्धारित रूढ़िवादिता न्यायाधीशों के प्रत्येक मामले को उसकी योग्यता के आधार पर स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से निर्णय लेने के कर्तव्य का उल्लंघन करती है"।
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