March 20, 2023
ICC, जापान - भारत की द्विपक्षीय वार्ता, रैकून डॉग, पीएम - मित्र योजना, नानकशाही सम्मत 555
व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट - ICC
चर्चा में क्यों ?
- यह पहली बार है कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक (रूस) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
गिरफ्तारी वारंट का कारण
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से बच्चों को अवैध रूप से निर्वासित करने और रूसी संघ में स्थानांतरित करने के कथित युद्ध अपराध के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
- ICC के द्वारा कहा गया है कि पुतिन के अलावा, रूस के बाल अधिकार आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
- पुतिन और बेलोवा कथित तौर पर रोम संविधि के अनुच्छेद - 8(2)(ए)(vii) और 8(2)(बी)(viii) के तहत यूक्रेन के रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों से बच्चों के अवैध निर्वासन और बच्चों को रूसी संघ में स्थानांतरित करने के युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार हैं।
- ICC के अनुसार पुतिन रोम कनून के अनुच्छेद 25(3)(ए) के तहत , दूसरों के साथ संयुक्त रूप से, और/या दूसरों के माध्यम से किए गए अपराधों के लिए व्यक्तिगत आपराधिक जिम्मेदारी वहन करते हैं।
ICC क्या है?
- इसका मुख्यालय द हेग, नीदरलैंड में स्थित है।
- 1998 में 120 देशों द्वारा रोम संविधि को अपनाया गया था।
- 1 जुलाई, 2002 को आधिकारिक तौर पर ICC की स्थापना की गई। इस प्रकार रोम संविधि 60 राज्यों के अनुसमर्थन के बाद प्रभावी हुई।
- चूँकि इसमें कोई पूर्वव्यापी अधिकार क्षेत्र नहीं है, अतः ICC इस तिथि से या उसके बाद किये गए अपराधों की जाँच करने में सक्षम है।
- वर्ष 2010 के संशोधनों के बाद रोम संविधि न्यायालय में पीड़ितों के प्रतिनिधित्व के लिये मानक तय कर सुरक्षा के अधिकार और निष्पक्ष परीक्षण को सुनिश्चित किया गया।
- वर्तमान में 'रोम संविधि' ICC के कानूनी मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है, जो प्रक्रिया और साक्ष्य के नियम एवं अपराध के स्वरूप को स्पष्ट करती है।
ICC के 6 क्षेत्रीय कार्यालय हैं
- किंशासा और बुनिया/बनिआ (Bunia) (कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य)
- कंपाला (युगांडा)
- बुंगी/बंगुई (Bangui) (मध्य अफ्रीकी गणराज्य)
- नैरोबी (केन्या),
- आबिदजान (आइवरी कोस्ट )
- भारत, चीन एवं अमेरिका रोम संविधि के पक्षकार देश नहीं हैं।
जापान - भारत की द्विपक्षीय वार्ता
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री के बीच दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता आयोजित की जाएगी।
भारत-जापान सम्बन्ध
- एक अनुमान के अनुसार, यात्रा में किशिदा की योजना के अंतर्गत दक्षिण चीन सागर में सैन्य निर्माण सहित बीजिंग के जुझारूपन से खतरों का सामना कर रहे क्षेत्र के देश के लिए गैर-सैन्य उपकरण और बुनियादी ढांचे के समर्थन का प्रावधान शामिल होने की उम्मीद है।
- सूत्रों के अनुसार, रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक संबंध, कौशल विकास और स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी एजेंडे के शीर्ष मुद्दों में शामिल हैं।
- जनवरी, 2023 में जापान में पहले लड़ाकू जेट अभ्यास 'वीर गार्जियन' का सफल आयोजन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।" इसके बाद चौथा 'धर्म गार्जियन ' सेना अभ्यास हुआ, जो पहली बार जापान में आयोजित किया गया था।
- भारत और जापान दोनों जापान क्रमशः G-20 और G-7 की अध्यक्षता कर रहे हैं जिसमें खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा, ऊर्जा संक्रमण तथा आर्थिक सुरक्षा सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों की प्राथमिकताओं पर एक साथ काम किया जा सकता है।
रक्षा क्षेत्र
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग, भारत-जापान साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक के रूप में उभरा है तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है। विगत वर्ष समुद्री सहयोग में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है, परिणामस्वरूप भारत की जापान में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू और जापान के तट पर मालाबार अभ्यास में भागीदारी देखी जा सकती है।
- JIMEX (जापान इंडिया मैरीटाइम एक्सरसाइज) भी दोनों देशों के बीच आयोजित की जाती है।
वाणिज्यिक और आर्थिक संबंध
- जापान और भारत का विगत वर्ष रिकॉर्ड द्विपक्षीय व्यापार 20.75 अरब डॉलर रहा।
- भारत और जापान के बीच 2011 से एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEP) हुआ था। समझौते में न केवल वस्तुओं का व्यापार, बल्कि सेवाओं, प्राकृतिक व्यक्तियों की आवाजाही, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, कस्टम प्रक्रियाओं तथा अन्य व्यापार संबंधी मुद्दों को भी शामिल किया गया है।
स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी
- यह समझौता विगत वर्ष के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया। इसका उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा, कार्बन तटस्थता और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए सभी ऊर्जा स्रोतों और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके विविध तथा यथार्थवादी ऊर्जा संक्रमणों के माध्यम से ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देना शामिल था।
रैकून डॉग
चर्चा में क्यों?
- चीन के वुहान में हुआनन सीफूड मार्केट से एकत्र किए गए आनुवंशिक डेटा के एक नए विश्लेषण के अनुसार कोरोनो वायरस का सम्बन्ध रैकून डॉग से जोड़ा गया है और संक्रमित जानवरों से महामारी फैलने की आशंका बढ़ती है।
- नवीन निष्कर्षों के अनुसार, कोविड-पॉजिटिव नमूने रैकून डॉग के DNA से समृद्ध थे। परंतु यह साबित नहीं होता कि यह जानवर या कोई अन्य जानवर महामारी को ट्रिगर करने के लिए ज़िम्मेदार थे।
रैकून डॉग के बारे में
- रैकून डॉग न तो डॉग प्रजाति से हैं और न ही रैकून प्रजाति से। वे कैनिड परिवार से संबंधित हैं और लोमड़ियों से निकटता से संबंधित हैं।
- रैकून डॉग मूल रूप से पूर्वी एशिया से सम्बन्धित हैं और आमतौर पर चीन, कोरिया और जापान के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं, जहाँउन्हें ‘तनुकी’ के नाम से जाना जाता है। वे यूरोप में भी पाए जाते हैं, जहाँ उन्हें पहली बार 1920 के दशक में फर व्यापारियों द्वारा लाया गया था।
- स्लेट के अनुसार, रैकून कुत्तों की दो प्रजातियां हैं: "Nyctereutes procyonoides, सामान्य रैकून डॉग (प्रजाति जो वुहान बाजार में पाई गयी थी) और Nyctereutes p. विवरिनस, जापानी रैकून डॉग।
- सामान्य रैकून डॉग (Nyctereutes procyonoides) को जापानी रैकून डॉग से अलग करने के लिए चीनी या एशियाई रैकून डॉग भी कहा जाता है। यह पूर्वी एशिया का एक छोटा, भारी-भरकम, लोमड़ी जैसा कैनिड है।
- जापानी रैकून डॉग (Nyctereutes viverrinus, the tanuki), मूल रूप से जापान जीनस Nyctereutes का एकमात्र अन्य जीवित सदस्य है।
- न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, लगभग 16 पाउंड वजन वाले ये जानवर सर्वाहारी होते हैं तथा कृन्तकों और जामुन जैसे खाद्य स्रोतों को पसंद करते हैं। वे मोनोगैमस हैं और अक्सर जोड़े में रहते हैं।
पीएम - मित्र योजना
चर्चा में क्यों?
- कपड़ा मंत्रालय जल्द ही प्रधानमंत्री मित्र (मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल) योजना के कार्यान्वयन के लिए पहचाने गए राज्यों के नाम की लिस्ट जारी करेगा।
PM -मित्र योजना के बारे में
- राज्यों की पहचान उनके चुनौती मार्ग के माध्यम से की जाती है और पीएम - मित्र पार्क कपड़ा उद्योग के लिए प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एक स्थान पर सामूहिक रूप से मौजूद रहने तथा कपड़ा मूल्य श्रृंखला की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने के लिए सर्वश्रेष्ठ पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करेगा।
पीएम – मित्र योजना के बारे में
- PM MITRA योजना 5F दृष्टि से प्रेरित है - फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन।
- यह एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दृष्टि को पूरा करने और भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने का लक्ष्य रखती है।
पीएम - मित्र पार्क
- पीएम - मित्र पार्क एक स्थान पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण/रंगाई और छपाई से लेकर परिधान निर्माण तक एक एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला बनाने का अवसर प्रदान करते हैं।
- इन पार्कों को उन स्थलों पर स्थित करने की परिकल्पना की गई है, जिनमें कपड़ा उद्योग के फलने-फूलने की अंतर्निहित क्षमता विद्यमान है।
- इस योजना में समयबद्ध तरीके से तेजी से कार्यान्वयन के लिए सार्वजनिक - निजी भागीदारी मॉडल का लाभ उठाने की परिकल्पना की गई है।
- एक स्थान पर एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला उद्योग की रसद लागत को कम करेगी।
- प्रति पार्क ~ 1 लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करने का इरादा है।
- पीएम - मित्र पार्कों के लिए स्थलों का चयन ऑब्जेक्टिव मानदंड के आधार पर एक चुनौती पद्धति द्वारा किया जाएगा।
नानकशाही सम्मत 555
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में प्रधानमंत्री ने नानकशाही सम्मत 555 के प्रारंभ होने पर सिख समुदाय को बधाई दी।
नानकशाही सम्मत क्या है?
- नानकशाही सम्मत 555 एक कैलेंडर प्रणाली है जिसे 2003 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) द्वारा पेश किया गया था।
- इसका नाम सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी के नाम पर उनकी 500वीं जयंती पर रखा गया है।
- यह सिख धर्म में उपयोग किया जाने वाला एक उष्णकटिबंधीय सौर कैलेंडर है।
- नानकशाही कैलेंडर का उपयोग दुनिया भर के सिखों द्वारा सिख कैलेंडर में महत्वपूर्ण तिथियों और त्यौहारों को चिह्नित करने के लिए किया जाता है, जिसमें दस सिख गुरुओं की जयंती, गुरु अर्जन देव की शहादत और खालसा पंथ की स्थापना की वर्षगांठ शामिल है।
- यह "बाराह महा" (बारह महीने) पर आधारित है, जो सिख गुरुओं द्वारा रचित एक रचना है जो वर्ष के बारह महीने के चक्र में प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाती है।
- वर्ष की शुरुआत चैत्र के महीने से होती है, जिसमें 1 चैत्र , 14 मार्च के अनुरूप होता है।
- नानकशाही कैलेंडर का संदर्भ युग गुरु नानक देव का जन्म है, जो वर्ष 1469 ई. के अनुरूप है।