Aug. 5, 2023
NCT विधेयक
NCT विधेयक
चर्चा में क्यों ?
- हालिया जारी राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर मानसून सत्र पर भारी विरोध देखने को मिला।
प्रमुख बिंदु
- अविश्वास प्रस्ताव की अवधि के दौरान मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा में उनकी भागीदारी एक "अपवाद" थी।
अविश्वास प्रस्ताव
- अविश्वास प्रस्ताव यानी नो कॉन्फिडेंस मोशन, जब सरकार सदन में अपना विश्वास खो चुकी होती है, या फिर अल्पमत में होती है, तब विपक्ष इसे लेकर आता है। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में सत्ता पक्ष को संसद में 10 दिनों के अंदर बहुमत सिद्ध करना होता हैं।
- संविधान का अनुच्छेद 118 के अनुसार , संसद के दोनों सदन कार्यवाही के लिए अपने-अपने नियम बना सकते हैं, इसी के तहत लोकसभा का नियम 198 है, जिसके तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने की व्यवस्था है।
- जैसे कोई सांसद लिखित नोटिस स्पीकर को देता है, फिर स्पीकर को इसे पढ़कर सदन में पूछना होता है कि कितने सांसद अविश्वास मत के पक्ष में हैं। अगर 50 या उससे ज़्यादा सांसद अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में हैं, तो स्पीकर इसे मंज़ूरी दे देता है। फिर स्पीकर एक तारीख़ तय कर देता है, और उस दिन चर्चा के बाद वोटिंग हो जाती है।
NCT विधेयक 2023
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पारित हुआ। इस विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार अधिनियम 1991 में संशोधन का प्रस्ताव था।
- यह विधेयक केंद्र सरकार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों, कार्यकाल और सेवा संबंधी अन्य शर्तों के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है।
- इस विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी लोकसेवा प्राधिकरण के गठन का भी प्रावधान है। इस प्राधिकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के प्रधान गृह सचिव शामिल होंगे।
- यह प्राधिकरण अधिकारियों के स्थानांतरण, नियुक्ति और अनुशासनात्मक कार्रवाई के संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल को सिफारिशें देगा।
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