July 29, 2023
SCO एक सफलता की कहानी है जो और बेहतर हो सकती है
SCO एक सफलता की कहानी है जो और बेहतर हो सकती है
चर्चा में क्यों ?
- भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक की सफलतापूर्वक मेजबानी की।
- SCO सदस्य-राज्यों के नेताओं द्वारा नई दिल्ली घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए और कट्टरपंथ का मुकाबला करने और डिजिटल परिवर्तन में सहयोग की खोज पर कार्य हेतु कहा गया।
- शिखर सम्मेलन ने ईरान को पूर्ण SCO सदस्यता प्रदान की, एक सदस्य-राज्य के रूप में SCO में शामिल होने के लिए बेलारूस के दायित्वों के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और 2030 तक की अवधि के लिए SCO की आर्थिक विकास रणनीति को अपनाया। इन महत्वपूर्ण परिणामों ने "SCO परिवार" की जीवन शक्ति का प्रदर्शन किया गया।
एक बदलती दुनिया
- दुनिया भूराजनीतिक तनाव, आर्थिक मंदी, ऊर्जा संकट, भोजन की कमी और जलवायु परिवर्तन से जूझ रही है। इन चुनौतियों के लिए सभी देशों की संयुक्त प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
- विश्व शांति और विकास के लिए प्रमुख जोखिम के रूप में सत्ता की राजनीति, आर्थिक जबरदस्ती, प्रौद्योगिकी विघटन और वैचारिक प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती हैं।
- वर्षों से, SCO मानव जाति के लिए साझा भविष्य वाला समुदाय बनने, अपने मूल हितों को बनाए रखने में एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करने और अपनी राष्ट्रीय विकास रणनीतियों तथा क्षेत्रीय सहयोग पहलों में तालमेल बिठाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है।
- SCO क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि का संरक्षक तथा योगदानकर्त्ता रहा है।
- SCO की अग्रणी और अनुकरणीय भूमिका एकता एवं सहयोग को मजबूत करने, विकास के अवसरों का लाभ उठाने तथा जोखिमों और चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकती है।
- SCO सदस्य-राज्यों को रणनीतिक संचार को मजबूत करना चाहिए, व्यावहारिक सहयोग को गहरा करना चाहिए और एक-दूसरे के विकास तथा कायाकल्प का समर्थन करना चाहिए।
- SCO सदस्य-राज्यों को सुरक्षा सहयोग को उन्नत करने और आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराधों पर निर्णायक तरीके से कार्रवाई करनी चाहिए।
- डिजिटल, जैविक और बाहरी अंतरिक्ष सुरक्षा में सहयोग को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय हॉटस्पॉट मुद्दों तथा राजनीतिक समाधान की सुविधा प्रदान करने पर बल देना होगा।
आभासी शिखर सम्मेलन
- संरक्षणवाद, एकतरफा प्रतिबंध और अलगाव पूरी दुनिया में लोगों की भलाई को कमजोर करते हैं।
- SCO के लिए व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, जलवायु कार्यों, बुनियादी ढाँचे और जनभागीदारी में सहयोग के लिए मजबूत गति उत्पन्न करना अनिवार्य है।
- क्षेत्र की उच्च-गुणवत्ता और लचीली आर्थिक वृद्धि में योगदान करने के लिए, SCO सदस्यों के बीच स्थानीय मुद्रा निपटान को बढ़ाने, संप्रभु डिजिटल मुद्रा पर सहयोग का विस्तार करने और SCO विकास बैंक की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
बहुपक्षवाद की आवश्यकता
- संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए SCO को अपने पर्यवेक्षक राज्यों, संवाद भागीदारों और संयुक्त राष्ट्र जैसे अन्य क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ अधिक जुड़ाव की आवश्यकता है, ताकि विश्व शांति को बढ़ावा देने, वैश्विक विकास को आगे बढ़ाने एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करने के लिए एकजुटता पर बल दिया जा सके।
- SCO की सफलता की कहानी उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों की व्यापक वैश्विक साझेदारी का हिस्सा है। जैसे-जैसे वैश्विक परिदृश्य में बदलाव सामने आ रहे हैं, उभरती अर्थव्यवस्थाएं और विकासशील देश अधिक एकजुटता और वैश्विक वजन के साथ अपना सामूहिक उत्थान जारी रखे जा रहे हैं।
चीन की प्रतिबद्धता
- चीन विश्व शांति, सुरक्षा और समृद्धि में योगदान देने के लिए वैश्विक सुरक्षा पहल, वैश्विक विकास पहल और वैश्विक सभ्यता पहल को क्रियान्वित करने के लिए भारत, दक्षिण अफ्रीका तथा दक्षिण के अन्य भागीदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- सामान्य, व्यापक, सहकारी और टिकाऊ सुरक्षा को आगे बढ़ाने, विकास और सामाजिक व्यवस्था के लिए प्रत्येक देश की स्वतंत्र पसंद का सम्मान करने तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्य एवं सिद्धांतों का पालन करने की आवश्यकता है।
- संवाद और कूटनीति अंतर्राष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने की सर्वोत्तम आशा प्रदान करते हैं तथा पारंपरिक और गैर-पारंपरिक डोमेन में सुरक्षा चुनौतियों से समग्र तरीके से निपटा जाना चाहिए।
- ईरान के समूह में शामिल होने पर एससीओ ने बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का आह्वान किया है।
- एकजुट, समान, संतुलित और समावेशी वैश्विक विकास साझेदारी बनाने, शांति, विकास, समानता, न्याय, लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मानवता के सामान्य मूल्यों को बढ़ावा देने और वैश्विक शासन को एक निष्पक्ष तथा अधिक उचित दिशा में विकसित करने की आवश्यकता है।
- आधिपत्य, एकपक्षवाद, शीत युद्ध की मानसिकता और गुट टकराव के खिलाफ आवाज ऊँची और स्पष्ट होनी चाहिए तथा अवैध एकतरफा प्रतिबंधों एवं दीर्घकालिक अधिकार क्षेत्र के उपायों को खारिज किया जाना चाहिए।