सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम प्रणाली
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम प्रणाली
चर्चा में क्यों ?
- SC कॉलेजियम के द्वारा गुजरात HC के जज के तबादले की सिफारिश की गयी, जिन्होंने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा गुजरात HC जस्टिस एम. प्रच्छक के अलावा 22 अन्य हाई कोर्ट जजों के तबादले की भी सिफारिश की गयी है।
प्रमुख बिंदु
- नोटिस में कहा गया है कि न्यायमूर्ति प्रच्छक को पटना उच्च न्यायालय में बेहतर न्याय प्रशासन हेतु स्थानांतरित किया जा रहा है। उनके अलावा, कॉलेजियम ने यही कारण बताते हुए गुजरात और पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालयों से संबंधित 8 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की भी सिफारिश की है।
- इन तबादलों में दिलचस्प यह है कि यह न केवल सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा एक बार में की गई सबसे अधिक संख्या में तबादलों की सिफारिश है, बल्कि विभिन्न न्यायाधीशों द्वारा किए गए अनुरोधों को स्वीकार करने से इनकार करने की भी सबसे अधिक संख्या है।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) केंद्र सरकार के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा स्थानांतरण के लिये राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम बनाया था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। 2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस अधिनियम को यह कहते हुए असंवैधानिक करार दिया था कि ‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग’ अपने वर्तमान स्वरूप में न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप है। उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली में व्यापक पारदर्शिता लाने की बात लंबे समय से होती रही है। शीर्ष अदालत का यह मानना है कि जजों की योग्यता का निर्धारण/आकलन करना न्यायपालिका का ज़िम्मा है। |
कॉलेजियम प्रणाली क्या है ?
- यह न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की प्रणाली है।।यह संसद के अधिनियम या संविधान के प्रावधान से अलग सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों (थ्री जजेज केस) के माध्यम से विकसित हुई है।
- सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम का नेतृत्त्व CJI करते हैं और इसमें सुप्रीम कोर्ट के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- वहीं एक उच्च न्यायालय कॉलेजियम का नेतृत्त्व उसके मुख्य न्यायाधीश और उस न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश करते हैं।
- 1990 में सर्वोच्च न्यायालय के दो फैसलों के बाद कॉलेजियम व्यवस्था बनाई गई थी और 1993 से इसी के माध्यम से उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्तियाँ की जाने लगी।
- सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति तथा तबादलों का फैसला भी कॉलेजियम द्वारा किया जाता है। उच्च न्यायालयों के कौन से जज पदोन्नत होकर सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे यह फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।
- कॉलेजियम की सिफारिशें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजी जाती हैं और उनकी मंज़ूरी मिलने के बाद ही नियुक्ति की जाती है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 (2)के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की इतनी संख्या जिसे राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिये आवश्यक समझे, से परामर्श के बाद राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- अनुच्छेद 217 के अनुसार, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा CJI और राज्य के राज्यपाल के परामर्श से की जाएगी और मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श किया जाएगा।
*****