Aug. 23, 2023
दिल्ली सेवा विधेयक
दिल्ली सेवा विधेयक
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में दिल्ली सेवा विधेयक को लोकसभा एवं राज्यसभा के द्वारा पारित कर दिया गया है।
दिल्ली सेवा विधेयक के प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023, उपराज्यपाल (एलजी) को कई प्रमुख मामलों पर अपने विवेक का प्रयोग करने का अधिकार देता है, जो अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग तक सीमित नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण:
- नौकरशाहों से संबंधित स्थानांतरण, पोस्टिंग और अन्य अनुशासनात्मक मामलों के लिए, जो केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच विवाद का कारण रहा है, राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) की स्थापना की जाएगी।
- NCCSA में मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली के प्रधान गृह सचिव शामिल होंगे और यह उपराज्यपाल को अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग की सिफारिश करेगा। यह दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक मामलों पर उपराज्यपाल (LG) को सिफारिशें भी करेगा।
- यह विधेयक केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच शक्ति की गतिशीलता को बदल देगा क्योंकि यह विधेयक LG को NCCSA द्वारा की गई सिफारिशों सहित प्रमुख मामलों पर अपने 'एकमात्र विवेक' का प्रयोग करने की शक्ति देता है। उपराज्यपाल को दिल्ली विधानसभा को बुलाने, स्थगित करने और भंग करने का भी अधिकार रहेगा।
- NCCSA की सिफारिशें बहुमत पर आधारित होंगी और LG के पास सिफारिशों को मंजूरी देने, पुनर्विचार करने के लिए कहने की शक्ति रहेगी या उपरोक्त किसी भी मामले पर मतभेद की स्थिति में LG का निर्णय अंतिम होगा।
- सचिव संबंधित मंत्री से परामर्श करने के लिए बाध्य नहीं होंगे और मामले को सीधे उपराज्यपाल के संज्ञान में ला सकते हैं।
- यह विधेयक उपराज्यपाल को प्रमुख विधायी और प्रशासनिक मामलों पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार देता है, जिससे दिल्ली सरकार की शक्तियां कम हो जाएंगी। ऐसे मामलों में दिल्ली में शांति और सुरक्षा की स्थिति को प्रभावित करने वाले मामले, केंद्र या किसी राज्य सरकार, सुप्रीम कोर्ट, या दिल्ली उच्च न्यायालय और अन्य प्राधिकरणों के साथ दिल्ली सरकार के संबंधों को प्रभावित करने वाले मामले शामिल हैं।
- यह विधेयक भारत के राष्ट्रपति को संघ सूची से संबंधित संसद के किसी भी कानून के लिए अधिकारियों, बोर्डों, आयोगों, वैधानिक निकायों या पदाधिकारियों को नियुक्त करने का अधिकार देता है, जबकि LG को दिल्ली विधानमंडल के संबंध में समान शक्तियां प्रदान की गई हैं।
- यह विधेयक कई प्रमुख क्षेत्रों में अपने मूल अध्यादेश से भटक गया है। अध्यादेश के अनुसार प्रशासनिक महत्व का कोई भी मामला जिसे राष्ट्रपति या दिल्ली के CM आवश्यक मानते हैं, उसे कोई भी आदेश जारी करने से पहले LG को प्रस्तुत किया जाएगा।
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