Aug. 23, 2023
संसदीय स्थायी समिति
संसदीय स्थायी समिति
चर्चा में क्यों ?
- हालिया मानसून सत्र में संसदीय स्थायी समिति ने लोकसभा और विधानसभा में चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र घटाकर 18 वर्ष करने की सिफारिश की है।
- उदेश्य- युवा व्यक्ति "विश्वसनीय और जिम्मेदार" राजनीतिक भागीदार हो सकते हैं, इसलिए एक संसदीय स्थायी समिति द्वारा लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्र घटाकर 18 वर्ष करने की मांग की जा रही है, जो भारत में मतदान की न्यूनतम उम्र है।
- चुनाव आयोग- इस दृष्टिकोण का भारत के चुनाव आयोग द्वारा विरोध किया गया।
- अपने तर्क में चुनाव आयोग ने कहा कि 18 साल के युवाओं से संसद और राज्य विधायी निकायों के सदस्य होने के लिए आवश्यक "अनुभव और परिपक्वता" की उम्मीद करना "अवास्तविक" है।
- वर्तमान स्थिति- किसी व्यक्ति के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है, जबकि कोई व्यक्ति केवल 30 वर्ष की आयु में ही राज्यसभा या राज्य विधान परिषद का सदस्य बन सकता है।
- कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर स्थायी समिति के अनुसार उम्र कम करने के दृष्टिकोण को वैश्विक प्रथाओं, युवा लोगों के बीच बढ़ती राजनीतिक चेतना और युवा प्रतिनिधित्व से मिलने वाले फायदों से काफी प्रेरणा मिलती है।
- संसदीय स्थायी समिति ने कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया जैसे विभिन्न देशों की व्यवस्थाओं की जांच करने के बाद माना कि राष्ट्रीय चुनावों में उम्मीदवारी के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। इन देशों के उदाहरण देते हुए इस समिति ने माना कि युवा व्यक्ति विश्वसनीय और जिम्मेदार राजनीतिक भागीदार हो सकते हैं।
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