Oct. 25, 2023
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP)
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP)
चर्चा में क्यों ?
- हालिया जारी IIP आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि घटकर जून महीने में पिछले तीन महीने के निचले स्तर 3.7%पर आ गई है।
सूचकांक की मुख्य बातें
- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापी गई फैक्ट्री उत्पादन वृद्धि जून 2022 में कम आधार प्रभाव के कारण 12.6%थी।
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 11 अगस्त, 2023 को जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, जून में विनिर्माण उत्पादन तीन प्रतिशत बढ़ा जबकि मई में इसमें 5.8% की वृद्धि देखी गई थी। अप्रैल में आईआईपी वृद्धि दर 4.2 फीसदी और मार्च में 1.7 फीसदी पर रही थी।
- पिछली सबसे कम वृद्धि दर अक्टूबर 2022 में देखी गई थी जब इसमें 4.1% की गिरावट आई थी। आईआईपी वृद्धि दर 2023-24 की पहली तिमाही में 4.5% रही, जो अप्रैल-जून 2022 में 12.9% थी।
- आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ‘‘मार्च, 2020 के बाद से कोविड-19 महामारी के कारणअसामान्य परिस्थितियों कोध्यान में रखते हुए पिछले वर्ष की इसीअवधि में विभिन्न क्षेत्रों मेंहुई वृद्धि दर का विश्लेषण किया जाना चाहिए।’’
औद्योगिक उत्पादनके बारे में
- आधार वर्ष के संदर्भ में एक निश्चित अवधि में औद्योगिक उत्पादन के व्यवहार में रुझान मापन के लिए आर्थिक विकास के प्रमुख संकेतकों में से एक है।
- यह पिछले वर्ष की तुलना में एक निर्दिष्ट वर्ष के दौरान उद्योगों के क्षेत्र में भौतिक उत्पादन के सापेक्ष परिवर्तन को इंगित करता है।
- इसकी गणना और प्रकाशन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा मासिक आधार पर किया जाता है।
आधार वर्ष
- आधार को हमेशा 100 का मान दिया जाता है।
- भारत में IIP श्रृंखला के लिए वर्तमान आधार वर्ष 2011-12 है।
- इसलिए, यदि वर्तमान आईआईपी 116 पढ़ता है, तो इसका मतलब है कि आधार वर्ष की तुलना में 16% की वृद्धि हुई है।
आठ प्रमुखउद्योगों का सूचकांक (ICI)
- ICI चयनित आठ प्रमुख उद्योगों-कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली में उत्पादन के सामूहिक और व्यक्तिगत प्रदर्शन को मापता है।
- ICI का उद्देश्य केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आईआईपी जारी करने से पहले 'कोर' प्रकृति के उद्योगों के उत्पादन प्रदर्शन का अग्रिम संकेत प्रदान करना है।
- इन उद्योगों का सामान्य आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ औद्योगिक गतिविधियों पर भी असर पड़ता है ऐसे में यह सूचकांक अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और सरकार को अपनी नीतियों एवं योजनाओं को लागू करने में मदद करता है।
- सूचकांक को आर्थिक सलाहकार (OEA), उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय द्वारा संकलित और जारी किया जाता है।
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