अभ्यर्थियों की समझ को बेहतर बनाने एवं उनमें आलोचनात्मक सोच को विकसित करने के लिए इसे चार खण्डों में बाँटकर अध्ययन किया जाता है; यथा- 18वीं सदी का इतिहास, उपनिवेशवाद, राष्ट्रवाद तथा स्वातंत्र्योत्तर भारत। चतुर्थ खण्ड, स्वातं=योत्तर भारत के अध्ययन के क्रम में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि इसके माध्यम से अभ्यर्थियों को भारत एवं विश्व के परस्पर संबंध, भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय संविधान आदि की आधारभूत जानकारी भी प्राप्त हो जाए। इस कक्षा कार्यक्रम में आपको आधुनिक भारतीय इतिहास की कुल 45-47 कक्षाएं मिलेंगी। प्रत्येक कक्षा को आप अपने सब्सक्रिप्शन से लेकर 6 महीने की अवधि के बीच में 5 बार देख सकेंगे।