भारतीय इतिहास का यह भाग केवल आपको सुल्तानों और बादशाहों के युद्दों एवं विजयों के बारे में ही जानकारी नहीं देता है, बल्कि इस भाग का अध्ययन एक छात्र में भारत में आने वाले नए तत्वों यथा- धर्म, संस्कृति, प्रशासन, स्थापत्य आदि के बारे में एक सम्पूर्ण समझ विकसित करता है। मणिकांत सर के द्वारा इस भाग में विकसित लंबवत् एवं क्षैतिज अध्ययन की पद्धति (The method of vertical and horizontal study) पिछले 20 वर्षों से अत्यंत कारगर रही है। उनकी इस अद्यतन रणनीति से अभ्यर्थियों को परीक्षा के समय अत्यंत लाभ मिलता है। इस कक्षा कार्यक्रम में आपको मध्यकालीन भारतीय इतिहास की कुल 35-39 कक्षाएं मिलेंगी। प्रत्येक कक्षा को आप अपने सब्सक्रिप्शन से लेकर 6 महीने की अवधि के बीच में 5 बार देख सकेंगे।